आईबीआर कॉन्वोकेशन ने होनहार रिकॉर्ड धारकों को दिया एक मंच
देहरादून, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (आईबीआर) ने छठे कॉन्वोकेशन समारोह में उपलब्धियां हासिल करने वालों और रिकॉर्ड बनाने वालों को सम्मानित किया। देश भर से आए मेहमानों ने फ़रीदाबाद में आईबीआर कार्यालय का दौरा किया। अपने परिजनों के साथ पहुंचे मेहमानों ने रिकॉर्ड सत्यापन की प्रक्रिया देखी और अपनी सफलता व संघर्ष के बारे में बताया। आईबीआर रिकॉर्ड धारकों को प्रोत्साहित करने और उनसे जुड़ने के लिए ऐसे समारोह नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं।
छठे कॉन्वोकेशन एट आईबीआर ऑफिस कार्यक्रम में भाग लेने वालों में पलक्कड़ की कृष्णा प्रिया सी., चंगनास्सेरी के सूर्य हरिप्रसाद, पथानमथिट्टा के मुहम्मद हामिज़ इब्नु अजमल, वायनाड के सूरज बी टी, कोट्टायम के अधर्व कृष्णन; पलक्कड़ के कार्तिक आर. और श्रीहरि सुरेश (सभी केरल से); कुरूक्षेत्र से डॉ. राज रूप फुलिया; चेन्नई, तमिलनाडु की काव्या हरिका डेंडुकुरी; मैसूरु की रुशिका सी.; बेंगलुरु की याना ए. जैन; बेंगलुरु की ब्लेसिना एंजेल एस. (सभी कर्नाटक से); दिल्ली से प्रिशा अग्रवाल और पवन बंसल; मुजफ्फरपुर, बिहार की जाहन्वी सिंह; हैदराबाद, तेलंगाना से साकेत नागभूषण के.एम.; बीरभूम, पश्चिम बंगाल की रैना सुल्ताना; और पुणे, महाराष्ट्र के शिवांश नागा आदित्य कासुकुर्थी प्रमुख थे। कांच की बोतल पर विश्व प्रसिद्ध कालपथी रथ मंदिर बनाने के लिए कृष्णा प्रिया को सम्मानित किया गया। डॉ. राज रूप फुलिया, आईएएस (सेवानिवृत्त) को विभिन्न भाषाओं में सर्वाधिक गीत गाने के लिए सम्मान मिला। सूर्या हरिप्रसाद, श्रीहरि सुरेश और प्रिशा अग्रवाल ने विभिन्न रूबिक क्यूब्स को हल करके अचंभित किया। भारत के प्रसिद्ध स्मारकों के रेखाचित्र बनाने के लिए सूरज बीटी को सराहा गया। काव्या हरिका डेंडुकुरी को लिवर रोगों (हेपेटोलॉजी) में पोस्ट डॉक्टरल फ़ैलोशिप में प्रवेश पाने के लिए और अधर्व कृष्णन को जिग्सॉ पजल सुलझाने के लिए सम्मानित किया गया। जाहन्वी सिंह को संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन से 500 डॉलर का ‘गर्ल अप’ पुरस्कार प्राप्त करने और रुशिका को दस्ताने वाले हाथ से कांच तोड़ने के लिए सराहा गया। कार्तिक ने क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं में कई प्रमाणपत्र हासिल करने और पवन बंसल को वर्षों तक हस्तलिखित बैंक लेनदेन के लिए मान्यता मिली। मुहम्मद हामिज़ इब्नु अजमल, याना ए. जैन, साकेत नागभूषण केएम, सिवांश नागा आदित्य कासुकुर्थी और रैना सुल्ताना की तेज़ याददाश्त के लिए सराहना की गई। 52 सेकंड में छोटे आकार की कागज़ी नाव के लिए ब्लेसिना एंजेल को सम्मानित किया गया।