अमर हिंदुस्तान
देहरादून। दून विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा गैर-शैक्षणिक कर्मियों के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला ‘To Create Happy and Healthy Workplace Environment’के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति डाॅ0 सुरेखा डंगवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास में कार्यरत प्रत्येक कर्मी का महत्वपूर्ण योगदान हैं। एक शिक्षक तभी विद्यार्थियों को प्रभावी शिक्षण संपादित कर पायेगा जब व्याख्यान कक्ष समय पर खुले उसकी साफ सफाई समय पर हो बिजली की आपूर्ति सुचारू हो व्याख्यान के लिए आवश्यक उपकरण आसानी से उपलब्ध हो और इसके लिए विश्वविद्यालय के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। आज हमारे विद्यार्थी यह से उपाधि प्राप्त करने के उपरान्त देश और दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थानों में इसलिए सफलता प्राप्त कर रहे हैं क्योकि उन्हें अध्ययन के दौरान आपके द्वारा उपलब्ध करायी गयी सेवाओं का भी योगदान है। कुलपति ने कहा कि किसी भी संस्था की कार्यसंस्कृति की स्वस्थ परंपरा एवं वहां का प्रसन्नचित्त वातावरण कार्यरत कर्मियों के मानसिक एवं शाररिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उसका असर उनके परिवार एवं समाज पर भी दिखता है इसलिए हम सबको प्रयास करना होगा कि हम संस्था के हित में सकारात्मक भाव के साथ प्रसन्नचित मन स्थिति से छात्रों के कल्याण के लिए सदैव कार्य करते रहे। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ0 मंगल सिंह मन्द्रवाल ने कहा कि यदि हम सभी कर्मी विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियमावली के अनुसार अपने कार्यो को संपादित करते है तो हमारे कार्य संस्कृति में पारदर्शिता कायम होगी जिसका हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पडेगा। कुलसचिव श्री दुर्गेश डिमरी ने कहा कि हमें विश्वविद्यालय को परिवार की तरह समझ कर प्रत्येक कार्य को टीम भावना से करने की संस्कृति को प्रोत्साहित करना होगा। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रो0 रीना सिंह ने कहा कि हमें हर दिन अपने दिन की शुरूवात प्रतिदिन योग, प्रयाणाम एवं अच्छे विचारों के साथ करनी चाहिए, अच्छा पहनना, अच्छा खाना, अच्छे मित्र बनाना और कार्यस्थल सबके साथ मित्रवत् व्यवहार रखना आपस में सौहार्द एवं भाईचारें की भावना कायम करना हमारे स्वस्थ मानसिकता को परिलक्षित करेगा और इसका प्रभाव हमारे द्वारा संपादित किये जा रहे दैनिदनीय कार्यो पर दिखेगा। प्रो0 रीना सिंह ने कहा कि हमें अपने परिवार एवं संस्थान के हितों का ख्याल रखने के साथ ही अपने सहकर्मियों के बारे में भी सोचना चाहिए और एक टीम के रूप में मिलकर खुशनुमा महौल बनाने के साथ कार्य करना चाहिए कार्यशाला का संचालन करते हुए प्रो0 एच0 सी0 पुरोहित निदेशक आतंरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ ने कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाने की दिशा में सदैव कार्यरत रहता है और यह कार्यशाला इसी कड़ी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालायें आगे भी आयोजित होती रहेगीं। इस अवसर पर देवेन्दु रावत सहायक कुलसचिव, रोहित जोशी सहायक कुलसचिव, शुभम नौटियाल ए0ई, एम0 एन0 चमोली, शिल्पी तिवाडी, मुकुल बहुगुणा, अभिनव जोशी, पल्लवी बिष्ट, योगेन्द्र सिंह नेगी, संदीप रावत एवं विश्वविद्यालय के सभी गैर-शैक्षणिक कर्मचारी उपस्थित थे।