अमर हिन्दुस्तान
गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। आज की कथा में कथावक्ता डॉ.महेश चंद्र ने कहा कि प्राचीन समय से ही हमारे यहां दशांश धन को राष्ट्र कल्याणकारी कार्यों में लगाने का विधान रहा है। आचार्य ने पूतना वध के अवसर पर बताया कि भगवान अत्यंत करुणामय है वे अपने भक्त के अनेक अपराधों को क्षमा कर देते हैं तथा उसके उद्धार के लिए कोई ना कोई मार्ग अवश्य निकाल देते हैं। भगवान होते हुए भी श्री कृष्ण का न केवल बाल्यकाल अपितु संपूर्ण जीवन संघर्षों से भरा रहा है। मानव संकटों को सामने देखकर घबराकर हार मान लेता है किंतु हमें परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए। विषम परिस्थितियों को देखकर निराश नहीं होना चाहिए। राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त ने भी यही कहा नर हो न निराश करो मन को। माखन चोरी के प्रसंग की व्याख्या करते हुए डॉ.महेश चंद्र महाराज ने बताया कि गोपियों का प्रेम ही माखन के रूप में प्रकट हुआ है । भगवान गोपियों के प्रेम को स्वीकारते हैं। अपनी भगवत्ता को विस्मृत कर ब्रज में ग्वालों को प्रसन्न करने हेतु साधारण लीलाएं तक करते हैं क्योंकि प्रभु का अवतार विप्र धेनु सुर संत के कल्याण के लिए हुआ था। कालिया नाग,तृणावर्त तथा गोवर्धन पूजा की लीलाओं का विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए आचार्य जी ने बताया कि प्रभु ने प्रकृति के संरक्षण के लिए पूर्ण प्रयास किया। जल,स्थल तथा वायु की शुद्धि के लिए उन्होंने पूरे समाज में जन आंदोलन खड़ा कर दिया था जिसकी अगुवाई वे स्वयं कर रहे थे। हम लोग प्रकृति संरक्षण से विमुख हो चले हैं इसी कारण वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग का संकट उपस्थित हो गया है। हमें जन्मदिवस तथा अन्य अवसरों पर एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। उसका संवर्धन करना चाहिए तभी श्री कृष्ण की शिक्षाओं को हम जीवन में उतार पाएंगे। भगवान कृष्ण कहते हैं कर्म करो,सत्कर्म करो। यह संसार कर्म क्षेत्र है युद्ध क्षेत्र है,लड़ना पड़ेगा,पीठ नहीं दिखाना तभी विजय श्री सामने खड़ी होगी। वर्तमान युग में श्री कृष्ण के आदर्शों पर यदि हम चलने का प्रयास करें तो निश्चित ही संसार की अनेक बुराइयों से बचकर भारत को विश्व गुरु बना सकते हैं। आज की भागवत कथा के अवसर पर नागेश्वर मंदिर के महंत नितिन पुरी,भाजपा के जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र रावत,वरिष्ठ सर्जन डॉ.एम.एन.गैरोला,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष विपिन मैठानी,भास्करानंद अणथ्वाल,गिरीश पैन्यूली,वासुदेव कंडारी,सौरव पांडे,डॉ.वी.पी.नैथानी,दिनेश पटवाल आदि उपस्थित थे। कथा के आयोजक राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत,कविता रावत,करन मोहन सिंह रावत,रश्मि रावत तथा सैकड़ो की संख्या में क्षेत्रवासी श्रोतागण उपस्थित रहे।