हेम मिश्रा
अमर हिंदुस्तान
देवाल। देवाल क्षेत्र के प्रसिद्ध बुग्यालों के सरक्षण को लेकर 15 सदस्यीय अभियान दल ने बुग्यालों का अध्ययन कर वापस लौट आया है। दल ने बुग्यालों के संरक्षण व संवर्धन के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये है। दल के सदस्यों ने स्थानीय ग्रामवासियों और स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ बुग्यालों के सरक्षंण को लेकर संवाद किया और पौधरोपण भी किया।चण्डी प्रसाद भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र और जागो हिमालय समिति के सयुक्त तत्वाधान में 25 सितम्बर से शुरू हुए अभियान मे स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों के जानकार व्याक्तियों ने जानकारी जुटाई। कुलिंग,वाण,गैरोली पातल भगवावासा छीडानाग, पातरनचैडी कमरतोली, आदि जगह पहुंच कर अध्यन रिपोट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट को अभियान दल सरकार को देगा। इस दौरान कई जगह पर बुग्याली घास और वनस्पतियों की पैदावार अध्ययन दल के जागो हिमालय के निदेशक रमेश थपलियाल ने बताया है कि अध्यन के दौरान वनस्पति व मखमली घास अपेक्षाकृत कम दिखी। जिन स्थानों पर घोडे-खच्चरों की आवाजाही अधिक दिख रही थी वहां बुग्याली घास और वनस्पतियों की प्राकृतिक पैदावार पर नकारात्म् असर दिख रहा। बुग्याली इलाकों में जंगली सुअर भी पहुंचने लगे है,जिनसे बुग्याली छेत्रो को नुकसान हो रहा है। यह अभियान दल में पर्यावरण कार्यकर्ता मंगल कोठियाल के नेतृत्व में चले इस दल में जिला रेडक्रास सोसाईटी चमोली के चैयरमैन और दशोली के पूर्व प्रमुख भगत सिंह बिष्ट, दिल्ली में एनडीटीबी इडिया के समाचार संपादक राकेश परमार, एडवोकेट एवं जागों हिमालय समिति के सचिव रमेश थपलियाल,वनविद त्रिलोक सिंह बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता सुशील भट्ट,दशोली ग्राम स्वराज्य मंडल के सयुक्त मंत्री विनय सेमवाल, देवलधार के हरेन्द्र सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार राकेश सती, गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के शोध छात्र अक्षय सैनी, अंश शर्मा, बदरीनाथ वन प्रभाग के गौरव बिष्ट और चण्डी प्रसाद भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र के प्रबंध न्यासी ओमप्रकाश भट्ट मौजूद थे।