चीन में कहर बरपाने वाला कोरोना का नया वैरिएंट बीएफ.7 (BF.7) नेपाल बॉर्डर के रास्ते भारत में प्रवेश कर सकता है। ये खतरा नेपाल में प्रचंड सरकार बनते ही चीन ने नेपाल के लिए दरवाजे खोलने से पैदा हुआ है।
चीन में जबरदस्त कहर बरपाने वाला कोरोना का नया वैरिएंट बीएफ.7 (BF.7) नेपाल बॉर्डर के रास्ते भारत में प्रवेश कर सकता है। ये खतरा नेपाल में प्रचंड सरकार बनते ही चीन ने नेपाल के लिए दरवाजे खोलने से पैदा हुआ है। रोजाना चीनी नागरिक कई ट्रक सामग्री लेकर नेपाल पहुंच रहे हैं।
चिंताजनक बात यह है कि नेपाल से उत्तराखंड की पिथौरागढ़ और चम्पावत जिलों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के रास्ते रोजाना भारत में प्रवेश करने वाले हजारों नेपाली नागरिक कोरोना जांच तक नहीं हो रही है। उत्तराखंड शासन की ओर से विदेेशों से आने वाले नागरिकों की कोरोना जांच के सख्त निर्देश भी दिए गए हैं।
बावजूद इसके अब तक पिथौरागढ़ जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में जांच टीमों की तैनाती नहीं की गई है, जिससे नेपाल से आने-जाने वाले लोगों की कोराना जांच नहीं की जा रही है। ऐसे में चीन के नागरिक पड़ोसी देश नेपाल के रास्ते भारत में भी कोरोना संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
चीन से रोजाना भारी मात्रा में नेपाल पहुंच रहा सामान: नेपाल कस्टम विभाग के यारी बॉर्डर प्रभारी रामराज जोशी ने बताया कि नेपाल में प्रचण्ड सरकार बनने के बाद चीन से प्रतिदिन आठ से अधिक ट्रक सामग्री नेपाल पहुंच रहा है। ऐसे में संक्रमित चीनी नागरिकों से नेपाल और भारत में भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। क्योंकि नेपाल का हुम्ला जिला झूलाघाट, धारचूला के नजदीक है।
पिथौरागढ़ में सात पुलों से आवाजाही करते हैं नेपाली: पिथौरागढ़ सीमांत में नेपाल से भारतीय क्षेत्र में आवाजाही के लिए सात झूलापुल हैं। झूलाघाट, जौलजीबी, बलुवाकोट, धारचूला सहित अन्य पुलों से रोजाना नेपाली नागरिक मजदूरी, खरीदारी, पढ़ाई, इलाज के लिए भारतीय क्षेत्रों में आवाजाही करते हैं।
प्रभारी चिकित्सक झूलाघाट डॉ. सचिन प्रकाश का कहना है कि भारत-नेपाल सीमा पर कोविड जांच नहीं की जा रही है। जांच को लेकर फिलहाल विभागीय स्तर से किसी भी प्रकार के निर्देश भी प्राप्त नहीं हुए हैं। बताया कि जैसे ही विभागीय आदेश मिलेंगे, कोरोना जांच को शुरू कर दिया जाएगा।
कोरोना संक्रमित की 3 महीने बाद मौत, यहां मिले इतने कोविड पॉजिटिव
उत्तराखंड में नए साल 2023 के पहले दिन ही देहरादून में कोरोना से संक्रमित एक 65 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई। उत्तराखंड में तीन महीने बाद कोरोना संक्रमित की मौत हुई है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोरोना नोडल अधिकारी डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने बताया कि 29 दिसंबर को सीओपीडी के एक गंभीर मरीज ब्रह्मपुरी पटेल नगर से लाए गए थे।