डीएम से मिलकर तस्करी बंद करवाने का अ नुरोध, पत्रकार और साथियों पर दर्ज फर्जी मुकदमें वापस लेने की मांग
अमर हिंदुस्तान
देहरादून। नशा विरोधी जन अभियान टीम ने नशा तस्करों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब तक यह टीम अलग-अलग जगहों पर नशा विरोधी जन जागरूकता अभियान चला रही थी। ऋषिकेश में पत्रकार योगेश डिमरी पर शराब माफिया द्वारा किये गये कातिलाना हमले के बाद इस टीम ने अब नशा तस्करों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का आह्वान किया है। टीम के सदस्यों ने शनिवार को जिले के नव नियुक्त डीएम सविन बंसल से मुलाकात की। उनका जिले मे आने का स्वागत करने के साथ ही टीम के सदस्यों ने उन्हें देहरादून में तेजी से बढ़ते ड्रग्स के धंधे के बारे में बताया और ऋषिकेश में पुलिस के संरक्षण में अवैध शराब का धंधा किये जाने का मामला उठाया। टीम ने पत्रकार योगेश डिमरी पर हमले के आरोपी की शिकायत पर पत्रकार और उसके साथियों के खिलाफ दर्ज किये गये मुकदमों की सत्यता पर सवाल उठाया और इन मुकदमों को तुरंत वापस लेने की मांग की। डीएम से मुलाकात करने वाली टीम में डॉ. रवि चोपड़ा, कमला पंत, निर्मला बिष्ट, नन्द नन्दन पांडे, विजय भट्ट, इंद्रजीत कौर, त्रिलोचन भट्ट, हिमांशु चौहान, सुधीर बड़ौला आदि शािमल थे। डीएम ने आश्वासन दिया कि वे उठाई गई मांगों पर प्राथमिकता से विचार करेंगे और जिले को नशे से मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। इससे पहले टीम ने एक बैठक की। बैठक में रविवार को सेलाकुई में होने वाले जन जागरूकता मार्च की तैयारियों की समीक्षा की गई। यह भी फैसला किया गया कि सोमवार को टीम के कुछ सदस्य ऋषिकेश जाकर पत्रकार योगेश डिमरी से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे। इसके बाद सीओ ऋषिकेश से मिलकर योगेश डिमरी और उनके साथियों के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लेने की मांग की जाएगी। टीम के सदस्य ऋषिकेश में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे, जिसमें अभियान की आगामी रणनीति के बारे में जानकारी दी जाएगी। प्रेस के लिए जारी बयान जारी करते हैं हुए टीम के सदस्यों ने कहा है कि योगेश ऋषिकेश में वही काम कर रहे थे, जो हम लोग देहरादून में कर रहे हैं। हम सबका इरादा समाज को और खासकर युवा पीढ़ी को नशे से बचाना है। ऐसे में योगेश डिमरी पर किया गया हमला नशे का विरोध करने वाले हर व्यक्ति पर हमला है। यह हमला बताता है कि नशे के खिलाफ उठने वाली आवाजों को बंद करने के लिए नशा तस्कर किसी भी हद तक जा सकते हैं। अब इस तरह के किसी भी प्रयास को सहन नहीं किया जाएगा और ड्रग्स व शराब तस्करों सेे हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने तस्करों को आगाह किया कि वे पुलिस और संबंधित अधिकारियों से सांठ-गांठ कर अब तक तस्करी का जो धंधा करते रहे हैं, उसे तुरंत समेट दें। यदि ऐसा नहीं किया तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। अब उत्तराखंड में नशे की तस्करी किसी भी हालत में स्वीकार नहीं की जाएगी।