एसडीसी फाउंडेशन ने जारी की उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2024 मिड टर्म रिपोर्ट

* पहले 30 दिन में 60 प्रतिशत तीर्थयात्री पहुंचे चारधाम

अमर हिंदुस्तान ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के 100 दिन पूरे हो चुके हैं। इस दौरान 32,61,095 तीर्थयात्री चारों धामों और हेमकुंड साहिब आ चुके हैं। इस टोटल में से पहले 30 दिनों में 60 प्रतिशत यानि 19,56,269 तीर्थयात्री आयेे। बाकी के 70 दिनों में 40 प्रतिशत यानि 13,04,826 तीर्थयात्री आये। चारधाम यात्रा के इन सौ दिनों में तीर्थयात्रा का पैटर्न कैसा रहा, इसका विश्लेषण करते हुए देहरादून स्थित सामाजिक और पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली संस्था एसडीसी फाउंडेशन ने डाटा एनालिसिस ऑफ़ 100 डेज – उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2024 मिड टर्म रिपोर्ट जारी की है।

 

पहले 30 दिन भारी पड़े

उत्तराखंड के चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा का आगाज इस बार 10 मई को हुआ था। 17 अगस्त को यात्रा के 100 दिन पूरे हो गये हैं। 10 मई को केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुले थे। 12 मई को बद्रीनाथ और 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिये गये थे। 17 अगस्त को यात्रा ने अपने 100 दिन पूरे कर दिये हैं। एसडीसी फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट को 14 हफ्ते और 2 दिन में विभाजित किया है। इस तरह से प्रत्येक हफ्ते और बाकी के दो दिन में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या का विवरण दिया गया है।

सबसे ज्यादा केदारनाथ में तीर्थयात्री

रिपोर्ट जारी करते हुए एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा की पहले सौ दिन में सबसे ज्यादा 10,92,284 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे। बद्रीनाथ में इस दौरान 9,05,954 , गंगोत्री में 5,98,723, यमुनोत्री में 5,14,472 तीर्थयात्री पहुंचे। हेमकुंड साहिब में 1,49,662 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और विभिन्न जिलों में स्थित यात्रा कन्ट्रोल रूम द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट बताती है कि पहले सौ दिनों में केदारनाथ में 21 मई को सबसे ज्यादा 38,682 तीर्थ यात्री पहुंचे।बद्रीनाथ में 19 मई को दर्शन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा 28,055 रही। गंगोत्री में 12 मई को सबसे ज्यादा 18,973 और यमुनोत्री में 17 मई को सबसे ज्यादा 15,800 तीर्थयात्री पहुंचे। हेमकुंड साहिब में 25 मई को सबसे ज्यादा 5,785 तीर्थयात्रियों ने माथा टेका।

केदारनाथ में सबसे ज्यादा मौतें

इस दौरान धामों में मरने वालों की संख्या को भी रिपोर्ट में जगह दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार पहले 100 दिनों में कुल 183 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई। सबसे ज्यादा 89 तीर्थयात्रियों की मौत केदारनाथ में हुई। इनमें 6 की मौत प्राकृतिक आपदा के कारण और बाकी 83 की मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई। बद्रीनाथ में 44, यमुनोत्री में 31, गंगोत्री में 15 और हेमकुंड साहिब में 4 लोगों की मौत स्वास्थ्य कारणों से हुई।

सारांश और मांग

अनूप नौटियाल ने चारधाम यात्रा और उत्तराखंड के अन्य सभी त्योहारों के संचालन में कैरिंग कैपेसिटी सिद्धांतों के स्पष्ट उल्लंघनों पर अपनी गहरी चिंता और निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा की हमने निरंतर उत्तराखंड सरकार की प्रवृत्ति को देखा है जिसमें वह तीर्थयात्रियों की संख्या को रिकॉर्ड के रूप में व्यापक रूप से बढ़ावा देती है। इस चलन पर तुरंत रोक लगाने की आवश्कयता है और भविष्य में चार धाम यात्रा को निष्पक्ष एक्सपर्ट्स से तय किये गए कैरिंग कैपेसिटी के आधार पर संचालित करने की ज़रूरत है। अनूप नौटियाल ने इसी के साथ मांग रखी की उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा जो अत्यधिक अव्यवस्था से ग्रस्त रहती है, उसके समापन पर एक व्यापक समीक्षा करे। ऑनलाइन/ऑफ़लाइन पंजीकरण, हेलीकॉप्टर सेवाओं और एयरो सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, ठोस और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं, भूस्खलन शमन और कई अन्य क्षेत्रों में कई खामियां हैं जहाँ महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता है। यह सब केवल समीक्षा और हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के साथ ही संभव हो सकता है।उन्होंने कहा की चार धाम यात्रा के समापन पर एसडीसी फाउंडेशन विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा। मिड टर्म रिपोर्ट मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार को सौंपी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई की रिपोर्ट से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को संचालित करने वाले विभागों को कुछ मदद मिल सकेगी।

 

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