भारत ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों (Fugitive Economic Offenders) के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जी-20 के सभी देशों को नौ सूत्रीय एजेंडा सुझाया है। इसमें कहा गया है कि जी-20 के सभी सदस्य देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी भगोड़े आर्थिक अपराधी उनके देश में प्रवेश ना करें और उसको वहां पर आसानी से पनाह नहीं मिल पाए।

नई दिल्ली | भारत ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों (Fugitive Economic Offenders) के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। इसके लिए भारत ने जी-20 के सभी देशों को नौ सूत्रीय एजेंडा सुझाया है। अपने एजेंडे में भारत ने जी-20 के सभी देशों को भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और उनकी संपत्तियों की वसूली के लिए सक्रिय रूप से एक साथ काम करने का भी सुझाव दिया है।

भारत ने सदस्य देशों को सुझाया नौ सूत्रीय एजेंडा

भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत ने जी-20 के देशों को नौ सूत्रीय एजेंडा सुझाया है, जिसमें कहा गया है कि जी-20 के सभी सदस्य देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी भगोड़े आर्थिक अपराधी उनके देश में प्रवेश ना करें और उसको वहां पर आसानी से पनाह नहीं मिल पाए।

कोलकाता में हुई थी जी-20 की भ्रष्टाचार रोधी बैठक

मालूम हो कि 12 अगस्त को कोलकाता में G-20 के भ्रष्टाचार निरोधक की मंत्रिस्तरीय बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद सरकार द्वारा G20 देशों को दिए गए एक दस्तावेज के मुताबिक, भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिए इसके सदस्य देशों के बीच मजबूत और सक्रिय सहयोग पर विचार करने को कहा गया है।

प्रत्यर्पण पर साझा मंच बनाने पर सुझाव

केंद्र सरकार ने अपने नौ सूत्रीय एजेंडा में कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCAC), अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNOTC) और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संबंधित सिद्धांतों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए।

भारत सरकार ने सुझाव दिया है कि प्रत्यर्पण के सफल मामलों और इसके कानूनी सहायता सहित कई अनुभवों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साझा मंच बनाया जाना चाहिए।

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