हेम मिश्रा
देवाल । प्रखंड के भिड़ीगं वाण की भारती देवी को प्रसव पीड़ा पर ग्रामीणों ने डंडी से सड़क तक पहुंचाया और फिर वाहन से देवाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा गया है। बेहतर स्वास्थ्य और सड़क की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। नंदा देवी राजजात यात्रा का अंतिम गांव वाण है।15 सालों से गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग ग्रामीण करते आ रहे हैं भले ही सूबे के विधायक-मंत्री से लेकर अधिकारी तक आए दिन प्रदेश के विकास के बड़े-बड़े दावे करते रहते हैं। सड़क सुविधा न होने से रविवार को देवाल प्रखंड के भिड़ीगं वाण की भारती देवी अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी । ग्रामीणों व परिजनों ने किसी तरह डंडी-कंडी के सहारे उसे सड़क तक लाए और फिर उसे निजी वाहन से देवाल अस्पताल पहुंचाया। जहां उसका उपचार चल रहा है। भारती देवी पत्नी प्रदीप सिंह को ग्रामीण भीडिग तोक से दो किमी पैदल वाण गांव सड़क मार्ग तक डंडी से गांव के सामाजिक कार्यकर्ता कृणा सिंह, उदय सिंह, हीरा सिंह गढ़वाली, हयात सिह, सुरेन्द्र सिंह, खिलाफ सिंह, आशा वर्कर लक्ष्मी देवी खिलपा देवी आदी लोग गर्भवती को सड़क तक लाए। वाण गांव के सामाजिक कार्यकर्ता हीरा गढ़वाली ने बताया कि भिड़ीगं तोक तक 3 किमी सड़क स्वीकृत है, लेकिन आज तक यहां सड़क का कार्य शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वाण गांव नंदा राजजात यात्रा का अंतिम बसागत गांव है। जबकि वेदनी बुग्याल, मोनाल टॉप, रूपकुंड ट्रैक का बेस कैंप गांव होने के कारण यहां हर साल हजारों पर्यटक आते हैं लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर एनएम सेंटर और एकमात्र आयुर्वेदिक चिकित्सालय है। आपातकालीन स्थिति और गर्भवतीयों को प्राथमिक उपचार के लिए 45 किमी दूर देवाल जाना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि वाण गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुलना चाहिए जिससे आने वाली राजजात यात्रा में श्रदालुओं को भी दिक्कत न हो पाए।