बड़कोट होली को केवल रंगो का त्योहार ही नहीं बल्कि आपसी भाईचारे एवं आत्मिय मिलन,पाप पर पुण्य का पवित्र पर्व माना जाता है। यह त्योहार प्रकृति के परिवर्तन का एवं वसंत ऋतु का आगमन व उनमें नयी-नयी कोपलें आने का शुभ संकेत होता है।  इसे बड़कोट क्षेत्र के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में अपने-अपने अंदाज में मनाया गया है। शिशु विद्या मंदिर बड़कोट, गडोली की बात करें तो यहाँ के प्रधानाचार्य सत्य प्रसाद, किताब सिंह ने अपने शिक्षकों, बच्चों के साथ होली खेलते हुए उन्होंने रंगारंग कार्यक्रमों के साथ रंग गुलाल लगाकर होली मनाई गई है। वहीं आर हंस पब्लिक स्कूल बड़कोट व धन्वंतरि पब्लिक स्कूल नौगाँव में छात्रों ने एक-दूसरे को गले लगाकर रंग-गुलाल लगाया। वहीं प्राथमिक विद्यालय सुकण में अध्यापक रमेश पंवार ने बच्चों के साथ रंग-गुलाल लगाकर होली आई होली आई,रंग बिरंगी होली आई ; गीतों के साथ बच्चों के साथ होली मिलन पर्व मनाया गया।वहीं राजकीय प्राथमिक विद्यालय गडाल गाँव,बुटाधार,खाण्ड में भी जब्बर सिंह रावत,अनिल नेगी, बलदेब रावत आदि शिक्षकों ने छात्रों के साथ होली मनाकर नौनिहालों को होलिका दहन के बारे में समझाकर कहा कि ये भक्त प्रह्लाद की सत्य की विजय का प्रतीक है जिसे होलिका अपने साथ अग्नि में भस्म करना चाहती थी, किंतु वह अधर्म का मार्ग अपना रही थी , जिस कारण वह स्वयं जलकर राख हो गई। इसलिए होली महापर्व में होलिका दहन के रूप में पाप पर पुण्य की ,अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में यह त्योहार मनाया जाता है।

 

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