बड़कोट l राजकीय महाविद्यालय बड़कोट द्वारा ग्राम पंचायत स्यालब में सात दिवसीय शिविर के चौथे दिन “लोक संस्कृति एवं लोक कला संरक्षण दिवस” मनाया गया। बता दें कि बड़कोट क्षेत्र के स्यालब गाँव में राजेन्द्र सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय बड़कोट टटाऊ का सात दिवसीय एन० एस० एस० शिविर 22 से 28 मार्च तक लगाया गया। जिसमें शिविर के चौथे दिन लोक संस्कृति व लोक कला संरक्षण दिवस मनाया गया है। जिसमें मुख्य अतिथि पूर्व विधायक केदार सिंह रावत एवं विशिष्ट अतिथि प्रकाश असवाल (पूर्व जेष्ठ प्रमुख) सहित अनेक गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत के साथ हुआ। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी संगीता रावत ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि गढ़वाल और रवाईं की लोक संस्कृति एवं लोक कला हमारी पहचान हैं, और इसे संरक्षित रखना हम सबका दायित्व है। वहीं मुख्य अतिथि केदार सिंह रावत ने अपने संबोधन में “लोक संस्कृति केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि हमारे भविष्य की अमूल्य पूंजी है। हमें इसे बचाने और बढ़ाने का संकल्प लेना होगा।” प्रकाश असवाल ने लोक संस्कृति और लोक कला समाज की आत्मा है, और इनका संरक्षण युवाओं की जिम्मेदारी बताई। वहीं लोक साहित्यकार ध्यान सिंह रावत “ध्यानी” ने लोक संस्कृति एवं साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारी परंपराएं ही हमारी असली पहचान है, और हमें इन्हें संजोकर रखना होगा। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने लोकगीत, लोकनृत्य एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से पहाड़ी संस्कृति की झलक प्रस्तुत की। वहीं प्रतिभागियों ने लोक परंपराओं और रीति-रिवाजों के संरक्षण का संदेश दिया। संचालन कार्यक्रम अधिकारी डी० पी० गैरोला द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों, अतिथियों एवं स्थानीय नागरिकों ने लोक संस्कृति एवं विरासत को संजोने का संकल्प लिया, ताकि यह अमूल्य धरोहर आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रह सके। इस दौरान जगमोहन सिंह रावत, प्रवीण असवाल अध्यक्ष, कालिंदी मंडल भगवान सिंह पंवार ,मनमोहन सिंह चौहान, प्रवीण राणा, जयप्रकाश रावत, उपेंद्र सिंह रावत, रविंद्र सिंह पंवार, रणवीर सिंह रावत आदि लोग मौजूद रहे।

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