देहरादूनl होली के अवसर पर महिला स्वयं-सहायता समूहों द्वारा रंग और गुझिया की बिक्री शुरूः एक पहल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में रंगों के महापर्य “होली” के त्योहार को और भी रंगीन बनाने के लिए, जनपद देहरादून अंतर्गत उत्त्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका निशन द्वारा गठित एवं ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) / ग्रामोत्थान द्वारा सहायतित संकुल स्तरीय फेडरेशनों की महिला स्वयं-सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं ने रंग और गुजिया की बिक्री शुरू कर दी है। यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई है। महिला स्वयं-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए रंगों और गुझियों की विशेषता है कि वे पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित हैं। इन रंगों को बनाने में किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का उपयोग नहीं किया गया है, अपितु पूर्णतः ऑर्गेनिक तरह से प्राकृतिक फूलों से निर्मित यह रंग, त्वचा के लिए सुरक्षित माने जाते हैं। रंगों की विविधता में गुलाल अबीर, और अन्य पारंपरिक रंग शामिल हैं, जो होली के त्योहार को और भी रंगीन बनाने में नदद करेंगे। जहाँ प्राकृतिक ढंग से निर्मित यह रंग, होली के  इस पर्व को रंगीन बनाते है, वहीं महिलाओं द्वारा इस पर्व पर बनने वाली पारंपरिक निवाई गुझिया को भी निर्मित कर बिक्री की जा रही है। जिसे पूरी तरह से घरेलू और प्राकृतिक सामग्री से बनाया गया है, जो उन्हें और भी स्वादिष्ट और सुरक्षित बनाती है।जनपद की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा आयोजित इस बिक्री का उद्देश्य न केवल होली के त्योहार को मनाना है, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है। यह पहल न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी, बल्कि यह उन्हें अपने परिवारों का समर्थन करने में भी मदद करेगी। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा कहा गया है कि, ‘हमें होली के अवसर पर रंग और गुजिया की बिक्री शुरू करने का अवसर मिला है। यह हमारे लिए एक बड़ा अवसर है, और हमें उम्मीद है कि हम अपने उत्पादों के माध्यम से लोगों को खुश कर पाएंगे।’ महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना करते हुए रीप परियोजना के जिला परियोजना प्रबन्धक श्री कैलाश चन्द्र भट्ट ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य न केवल होली के त्योहार को मनाना है, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है। हमें उम्मीद है कि हमारी पहल से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।” वहीं जनपद के मुख्य विकास अधिकारी, श्री अभिनय शाह ने कहा, हम महिला स्वयं सहायता समूहों की इस पहल का स्वागत करते हैं। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगी, बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी हमें उम्मीद है कि यह पहल महिलाओं के लिए एक बडा अवसर साबित होगी। तो इस होली पर रंग और गुजिया खरीदने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों समर्थन करें और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करें

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